2 अक्टूबर Poem by Ajay Srivastava

2 अक्टूबर

खोज रहे है हम
इसी विशवास मे
कोई तो सामने आए
अपना सीना तान ले
गर्व से कहे हाँ हम है 11

भारत माँ के सपूत
हाँ हम है इस देश के युवा
या फिर हो कोई राज नेता
और नही तो कोई प्रशासनिक अधिकारी कहे हाँ हम है 11

हाँ हम हमेशा सच बोलने की शपथ लेते है
हाँ हम लिंग-भेद, धर्म-भेद, जाति-भेद वर्ग- भेद हटाएगे
हम कभी भी हिंसा का साथ नही देगे
हम अपनी ऊर्जा का सदउपयोग करेगे 11

हम भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने के लिए
ईमानदारी से काम करेंगे
हम बुराई देखेंगे, हम बुराई सुनेंगे
हम बुराई को बताएगे
लोगों के अनुकूल प्रशासन लाने के लिए काम करेगे 11

तभी तो हम कह सकेगे 2 अक्टूबर का दिन महान
आज के दिन दो फूल खिले थे एक का नाम
मोहनदास करमचंद गांधी और
दूसरे का नाम लाल बहादुर शास्त्री था 11

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