जिसकी आवाज लगती थी दिलकश कभी,
जिसकी आवाज के बिन दिन था बीतता नहीं,
जिसकी मुस्कुराहटो से दिल था भरता कभी,
जिसकी प्यारी अदाओं से आता था सुकून,
आज वही आवाज सुनने में लगती है जालिम,
आज वही आवाज मुझसे जुदा हो गई!
कितना नासमझ हू जो इसे पहचाना नहीं,
जो आवाज कल तक थी दिलकश तेरी,
आज दिल के लिए वही शूल हो गई!
तडपता हू रोता हू विलखता हू मै,
ज़माने के बदलते दृश्य देखता हू मै,
मोहब्बत भी मेरी किस क़दर बदल गई,
कल तक थी जो मेरी,
आज किसी और की हो गई!
जिसकी आवाज थी मेरे लिए मोहब्बत कभी,
वही आवाज मुझसे बेवफा हो गई,
जिसकी आवाज लगती थी दिलकश कभी,
बस वही आवाज मुझसे जुदा हो गई! !
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