Sachin Singh Poems

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1.
शहादत की कीमत

ए जिंदगी बता क्यों तूने ऐसा किया,
शहादत के बदले गम जिंदगी भर का दिया।
मान की शहादत की कीमत तूने सम्मान से चुकाई है,
पर शहीद के घर वालों के हिस्से तो केवल गम और जुदाई है।
...

2.
मैं महाकाल हूं

हूं शब्द का भी सार मै,
अंत हूं मैं अर्थ का।
हूं सर्वशक्तिमान मै,
हूं ब्रह्म का महा ज्ञान मै,
...

3.
मै कलमकार हु!

मै कलमकार हु,
शब्दों के बाण चलाने वाला कलमकार हु।
हर विधर्मी पे करने को वार,
रहते हैं मेरे बाण तैयार।
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4.
माँ दूर चली जायेगी

आज फिर घर जाऊंगा,
पर इस बार माँ कुछ नहीं बनायेगी,
माँ मुझे अपने हाथों से कुछ नहीं खिलायेगी,
माँ मेरे साथ साम ढलते मंदिर नहीं जायेगी,
...

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