Dr. Navin Kumar Upadhyay Poems

Hit Title Date Added
134.
यादें उसी की आती हैं,

138.
लुटाता रहूँ हर जगह

139.
वही सच्चा दोस्त है,

गम को जबर्दस्ती छीन लेता जो,
दुख विहीन कर देता जो,
अपनी खुशियों लुटा देता जो,
गम को अपने दिल में छिपा लेता जो,
...

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