बहुत प्यार और सरलता से आ जाती हुँ ।
मान और सम्मान मिलता है मेरे होने से है।
तुम्हारा असतित्व सिर्फ और सिर्फ मेरे होने से है।
किसी में कम तो किसी में ज्यादा होती तो हुँ।
परिणाम तुरंत देने में सक्षम हुँ।
अद्भुत शक्ति की स्वामिनी हुँ में।
बड़े सिहासन को भी हिला सकती हुँ ।
हर व्यक्ति की अवश्यकता बन गयी हुँ।
कोई अपना कर्म करे या न करे
में अपना कर्म हमेश करती हुँ ।
क्यों की यह मेरा स्वभाव है।
में हुँ आपके ह्रदय और मस्तिष्क
के पास रहने वाली जी हाँ में हुँ बुराई।
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