फूल Poem by Ajay Srivastava

फूल

फूल को देखते ही चेहरा खिल जाता
अनगिनत रंग सभी को सहज ही
अपनी और आकर्षित कर लेते है
मनमोहक खूशबू तो सभी को साँस
लेने को रवय कह देती है एक सुखद
अनुभव का अहसास होता है 11
प्रेमी प्रेमिका के जीवन का आधार 11
किसी नाराज को मनना हो तो फूल
किसी के स्वास्थ्य कामना करनी हो तो फूल
बधाई और स्वागत करना हो तो फूल
भगवान जी को चढाने या पूजा करनी हो तो फूल 11
फूल ही फूल फूल ही फूल 11
संयुक्त हो तो गुलदस्ता बन जाता है
तितर बितर हो तो सुखद राह का अहसास दिला जाता है 11
चाहो तो दवा बना लो चाहो तो ईत्र बना लो 11
फूल है तो काटे भी होगे 11
फूलो का सम्मान विदाई के समय पर
जो शहीदो पर चढाए जाते है
उन फूलो का सम्मान उतम है 11

COMMENTS OF THE POEM
Kavya . 02 January 2013

bahut khoob.....nicely written

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