रूपयवा भगवान हो गईल,
जिनगी हमार हो हराम हो गईल.
ये ही के बटोरे में दुनियाँ बेकल बा,
ये ही से लोगवा क आज अउर कल बा,
देखा इ कइसन विधान हो गइल.
रूपयवा भगवान हो..............................
इहे ह माई आ इहे ह दादा,
एकरे बिना ‘सुमन’ भइला नखादा,
पइसावाला गबरा परधान हो गइल.
रूपयवा भगवान हो..............................
इहे ह देवता आ इहे ह पित्तर,
इहे बनावत बा सबक चरित्तर,
ई बेईमनवन क शान हो गइल.
रूपयवा भगवान हो..............................
ए ही खातिर लोगवा करे चोरी छिनारी,
एकर नशा ह शराबो से भारी,
चक्कर में एकरे ईमान खो गइल.
रूपयवा भगवान हो..............................
एहि बदे चलत बा बम अउर गोली,
खेलेलं लूटेरवा खून क होली,
इंसानियत क मान खो गइल.
रूपयवा भगवान हो..............................
रूपया खातिर लड़ी मरलं बेटऊवा,
भरल नाहिं बुढऊ क अबहीं उ घउवा,
घरवा मशान हो गइल.
रूपयवा भगवान हो..............................
लोगवा कहेला नालायक ह बेटवा,
नोकरी ना चकरी भरी कइसे पेटवा.
गउवां हमार हो परेशां हो गइल.
रूपयवा भगवान हो..............................
उपेन्द्र सिंह ‘सुमन’
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