आइल बा बाबुल क फोनवां,
बलम हम जइबें नइहरवां.
कहलं ह बाबुल बेटी हमय भूलि गइलू,
एतना दिन बीति गइल कबहीं न अइलू,
तजि दिहलू जनम क ठीकनवां.
आइल बा बाबुल क..................
कहलन हं माई तोहर हमसे हं कहंली,
केतना सनेसवा हम आवे के पठवलीं,
देखे के तड़पेला मनवां.
आइल बा बाबुल क..................
पूछत रहलन बिटिया कबले तूं अइबू,
आवे क कबले सनेसवा पठइबू.
छपटाला मोरा परनवां.
आइल बा बाबुल क..................
कहलन हं बाबुल घर जल्दी तूं अइहा,
हमके चेतवलं ह भूलि मत जइहा,
मोरा भरि- भरि आवे नयनवां.
आइल बा बाबुल क..................
सुना जी बलम मोटरकरवा मंगावा,
जल्दी से पिया हमके नइहर पठावा.
निकलब हम तड़कय बिहनवां.
आइल बाबुल क..................
उपेन्द्र सिंह ‘सुमन’
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem