बन जाओगे तुम भगवान (बाल कविता) Poem by Upendra Singh 'suman'

बन जाओगे तुम भगवान (बाल कविता)

अच्छी-अच्छी बातें करना, अच्छों से करना पहचान.
सबके संग हिल-मिल कर रहना, बन जाओगे तुम इंशान.

खूब पढ़ोगे झूब लिखोगे, रोज करोगे श्रम का दान,
तन-मन से नित काम करोगे, बन जाओग तुम धनवान.

अच्छी-अच्छी पढ़ो किताबें, अच्छा-अच्छा बांटो ज्ञान.
देखो सीखो ध्यान लगाकर, बन जाओगे तुम विद्वान.

अपनी रोटी भूखों को दो, करो गरीबों का कल्याण.
मन से जन की करो भलाई, बन जाओगे एक महान.

दीन-दुखी के सेवा करना, करो जगत में सबका मान.
सबके हित के लिये जिओगे, बन जाओगे तुम भगवान.

उपेन्द्र सिंह ‘सुमन’

Sunday, December 13, 2015
Topic(s) of this poem: greatness
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