हाथ में लेकर हाथ चलें हम Poem by Ajay Kumar Adarsh

हाथ में लेकर हाथ चलें हम

हाथ में लेकर हाथ चलें हम
कदम-कदम पर साथ चले
होठ हो चुप, पर आंखों से हम
दिल से दिल की बात करें
कुछ तो लोग कहेंगे
क्यू हम लोगो की हर बात सुने
हम पथिक हैं प्रेम नगर के
प्रेम डगर की चाप सुने

Sunday, December 24, 2017
Topic(s) of this poem: love,love and friendship
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Ajay Kumar Adarsh

Ajay Kumar Adarsh

Khagaria (Bihar) / INDIA
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