तुम जा रहे Poem by Ajay Srivastava

तुम जा रहे

हाँ तुम जा रहे हो|

कुछ भूल जाने वाले पल|

अपने साथ ले जा रहे हो|

कुछ न भूलने वाले पल छोड़ जा रहे हो|

वो पल जो वापस नहीं आ सकते|



हाँ तुम जा रहे हो|

वो जो आपकी आखो के सामने सहसा आ जाएंगे|

पर उनको रोक नहीं पाएंगे|

बस याद की तरह रह जाएंगे हमेशा के लिए|



हाँ तुम जा रहे हो|

बहुत कुछ सीखा कर जा रहे हो|

अपने आप से किये वादो को|

अनदेखा भी नहीं कर सकते|

कैसे निभाना है बता कर जा रहे हो|

हाँ तुम जा रहे हो|

तुम जा रहे
Thursday, December 31, 2015
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