नव वर्ष Poem by Ajay Srivastava

नव वर्ष

आगमन हो गया है मेरा|
स्वागत करना तुम्हारा कर्तव्य हो गया|
वादे करवाना मेरा धर्म हो गया|
वादा निभाना तुम्हारा कर्म हो गया|

अवसर देना मेरा स्वाभाव है|
अवसर का लाभ उठाना तुम्हारा स्वभाव हो गया|
अवसर का परिणाम देना मेरा कार्य|
परिणाम का अच्छा या बुरा होना तुम्हारा कार्य हो गया|

होना न होना मेरा अधिकार है|
कहना न कहना तुम्हारा अधिकार है|

नव वर्ष का आगमन हो गया है|

नव वर्ष
Friday, January 1, 2016
Topic(s) of this poem: new year
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