दिल मै है Poem by Ajay Srivastava

दिल मै है

Rating: 5.0

वो दिल के पास आते
धडकने हमारी बड जाती है|
चंचल दिल है हमारा
दिल डर से कह उठता है|

पाप हमारे दिल मै है|
वो दिल हमारे दिल का हाल न जान ले
लोग तो यू ही दिल को पास लाने का प्रयास करते है|
हम तो दिल को दिल से दूर करने का प्रयास करते है|
उनका दिल नादान और मासूम है|
हमारा दिल चंचल और स्वार्थ से भरा है |

दिल तो दिल है |
अपना समझने की भूल
दिल अपना हो या पराया
यह भूल कर बेठता है|

दिल मै है
Monday, January 18, 2016
Topic(s) of this poem: expressions
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 18 January 2016

बहुत सुंदर. प्रेम में सशंकित मन की भावनाओं को आपने बेहद खूबसूरती से अभिव्यक्त किया है. धन्यवाद, मित्र. लोग तो यू ही दिल को पास लाने का प्रयास करते है| हम तो दिल को दिल से दूर करने का प्रयास करते है|

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