वो कहते है हमे पत्थरो से प्यार है|
हम कहते है हमे आकर्षण से लगाव है|
वो कहते है आकर्षण की उपमा देकर यू ना बनया करो |
हम कहते है वास्तविकता को यू ना जूठलाया करो |
वो कहते है हमे वास्तविकता का उवलोकन करना है |
हम कहते है थोडा सब्र का मजा लिजिए |
वो कहते है अब सब्र नही |
हम कहते है पत्थर को तराशने दे |
फिर देखना पत्थर का आकर्षक रूप |
मूर्ति बोल न उठे फिर कहना |
वो दिखावा करते दिल को छुपाने का
हम कहते है छुपना स्वभाव नही दिल का
धडकना दिल का स्वभाव है|
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