ये बोल नहीं भाव है
भाव नहीं एहसास है
ये एहसास नहीं पहचान है
पहचान जो कुदृष्टि रखने वाले के अस्तित्व को हिला दे
पहचान जो कुदृष्टि रखने वाले को चुप रहने को विवश कर दे
पहचान जो सुविचार रखने वाले को एक माला की तरह संगठित कर दे
निजी स्वार्थ को त्याग देश हित को प्रेरित कर दे
जो सब जाती व् धर्म के भेदभाव को दूर कर दे
एक अनुभूति है जो हर भारतवासी को जाग्रत कर दे
ये बोल नहीं यह हर भारत वासी की श्रद्धा, विश्वास और शक्ति है
वन्दे मातरम, भारत माता की जय श्रद्धा है
वन्दे मातरम, भारत माता की जय विश्वास है
वन्दे मातरम, भारत माता की जय शक्ति है
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