शुभ नवरात्रि Poem by Ajay Srivastava

शुभ नवरात्रि

कष्टो को दूर करने की राह है|
सच्चे दिल वालो की पुकार है|
विशवास की ज्योत है|
इच्छा पूर्ति करने वाली माँ का द्वार है|

द्वार जो सदकर्मो के लिए प्रेरणा है|
प्रेरणा जो विशवास उत्तपन्न कर दे|
विशवास जो सही गलत का अन्तर बता दे|
अन्तर जो दिलो की दूरी मिटा दे|


अहम को मिटा दे प्रेम तो जाग्रत कर दे|
मॉ का द्वार है प्यार से बोलो दिल से बोलो|

शुभ नवरात्रि

शुभ नवरात्रि
Friday, April 8, 2016
Topic(s) of this poem: spiritual
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