राम नवमी Poem by Ajay Srivastava

राम नवमी

राह कठिन है
मार्ग है आदर्शो का
न तो आश्वासनों से न ही विश्वास से
वह है - कर्म, जो परिणाम तक पहुँचा देगा
मीठा या नमकीन, मिलेगा वही जो कर्म करेगा

राज है प्रजा का
मन को आदर्श रूप में ढालना है
नमन करना है नियमों को
वह है जो मेरी, तुम्हारी और हम सब की शक्ति
मीत है प्रजातंत्र का, वही हम सब का साथी

राम नवमी
Friday, April 15, 2016
Topic(s) of this poem: devotion
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