सब से अलग Poem by Ajay Srivastava

सब से अलग

कही फायलो पर नोट औ हो
कही पर नियमो की दुहाई आहा 11
कही पर अफसरो की कलम की रंगीली अदा औ हो
कही पर मंत्रियों की शान कुर्सी की शक्ति आहा 11
कही पर मेनेजर और उद्यमी की खुशामद व नखडा करना औ हो
कही पर चपरासी की लजाती आखे ही - ही 11
हा यहाँ कदम कदम पर निजी और सार्वजनिक लाखो धोटाले है 11
हाँ मगर हम भारत वासीयो को यह बातना चाहते है
कि टू जी धोटाला सब से अलग है 11
इसने फायलो को थिरकना सीखा दिया 11
नियमो का पालन न करने का अहसास करा दिया 11
अफसरो की कलम को सोच समझ कर लिख ने के लिए प्रेरित कर दिया 11
मंत्रियों की शान कुर्सी की शक्ति का दुरुपयोग
न करने का अहसास दिलाया 11
पर कर अधिकारी, जाच व न्याय अधिकारी, फिर भी
बधाई के पाञ है क्योंकि आई लव माई " मेरा भारत " 11

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