प्रेम के एहसास का माध्यम तुम हो।
जीवन की सरगम तुम हो।
दूरियों को कम करने का साधन तुम हो।
सब के साथ होने की आशा हो तुम।
पल पल की आवश्यकता हो तुम।
भेदभाव हीन भाव को दूर करने में सक्षम हो तुम।
बहुत ही सरल हो तुम।
हर किसी को अपना बना लेती हो तुम।
अन्य के लिए भी दिल में जगह बनाने वाली वो तुम हो।
क्यों की सम्पर्क का माध्यम तुम हो।
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem