झाड Poem by Ajay Srivastava

झाड

बहुत बुरा लगता है
बहुत गुस्सा आता है
प्रभाव निशचत है 11
यदि बुरी दिशा समझ लिया जाए
तो नष्ट कर दे 11
सही दिशा और समझ लिया जाए
तो समाज व देश को प्रगति पथ पर ले जाए 11
पर यह अधिकतर बुरी दिशा मे जाती है 11
यह बचपन से ही शुरू होती है
यह पूर जीवन काल मे
समय समय पर पडती है
यह कई नाम से जानी जाती है 11
पर बोलते है मुहँ लटकाते
की हमे/मुझे झाड, फटकार और डाट पड गयी11

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