देश हमारा Poem by Alok Agarwal

देश हमारा

Rating: 5.0

सुरमई आँखों का तारा, ये आर्याव्रत हमारा|
सुगंद्धित पुष्प सा सरीखा, ये हिन्दुस्तान हमारा|
रंगीले, मस्ताने लोगों का घरोंदा, ये भारत देश हमारा|
पवन पाविनी गंगा से सींचा, ये जम्वाद्द्वीप हमारा|
न्यूक्लियर तकनिकी में भी आगे, ये इंडिया हमारा|

रामायण और महाभारत जैसा महाकाव्य कि रचना करने वाला देश हमारा,
गीता द्वारा मनुष्य को धर्मं कि परिभाषा सिखलाने वाला देश हमारा|
अनेक सभ्यताओं, भाषाओँ एवं संस्कृतियों के समागम वाला ये देश हमारा|
विश्व-शान्ति का पैगाम जन-जन तक फ़ैलाने वाला देश हमारा|
बुद्ध, जैन एवं सिख धर्मों कि जन्म-स्थली वाला देश हमारा|
वसुधैव कुटुम्बकम् जैसी विचारधारा पर चलने वाला देश हमारा|
श्वेत क्रान्ति कर दुग्ध उत्पादन में अव्वल आने वाला देश हमारा|
महिलाओं को सर्व-प्रथम मताधिकार देकर प्रजातंत्र को सुदृढ़ करने वाला देश हमारा|
आर्यभट द्वारा शुन्य की खोज करके, दुनिया को विज्ञान सिखाने वाला देश हमारा
विश्व में सबसे अधिक दु-पहिया वाहन निर्माण करने वाला देश हमारा|
पोलियो महामारी को जड़ से ख़त्म करने वाला देश हमारा|
धरती से मंगल पर एक ही बार में सर्व-प्रथम पहुँचने वाला देश हमारा|

नमन करूं मैं इस भारत माँ को,
जिसने मुझे जन्म देकर जीवन भर का ऋण चढ़ा दिया|

अब तो मेरी बस यही अभिलाषा है,

कि मुझे कर्म के मार्ग से कभी विचलित न करना;
और अगले जन्म फिर ऐसा ही ऋण चढ़ा देना|

Thursday, October 1, 2020
Topic(s) of this poem: patriotism
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 02 October 2020

अति सुंदर. वाकई हमारा भारत इतना ही सुंदर है. यह एक ऐसा गुलदस्ता है जहाँ हिंदु, मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध, जैन व अन्य धर्मावलंबी इन्द्रधनुष के रंगों की भांति साथ साथ रहते है. अनेक भाषा-भाषी, खान-पान तथा पहनावे वाले लोग मिलजुल कर प्यार से रहते हैं और हमारे लोकतंत्र को समृद्ध एवम् मजबूत करते हैं. गांधी जयंती की शुभकामनायें. धन्यवाद, मित्र आलोक जी.

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