चिड़िया की बोली मैं बोलूँ! ! ! Poem by Kezia Kezia

चिड़िया की बोली मैं बोलूँ! ! !

चिड़िया की बोली मैं बोलूँ
मेरी बोली तोता बोले
सुनकर नये नये गीतों को
झूम झूम कर मन ये डोले
रंग बिरंगे पंख फैलाकर
नाच नाच कर मोर भी बोले
मैं भी आऊँ, मैं भी गाऊँ
सुन लो मेरा गाना बोले
कुता आया बिल्ली आई
चूहे ने भी दौड़ लगाई
सबने मिलकर ढोल बजाया
नाचे गाये और शोर मचाया
मम्मी को फिर गुस्सा आया
सबको एक एक चांटा लगाया
रोकर सबने ऊधम मचाया
सबको तब एक लद्दू खिलाया
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Sunday, May 28, 2017
Topic(s) of this poem: birds,children
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