कल तक दर्द था जिनके दिल में
पिल्लों के मर जाने पर!
वही मौन ख़ामोश खड़े हैं
सैनिक के मारे जाने पर!
रिश्तो को रखकर ताक पर जो
चकाचौंध में खोये रहे!
नारी कल्याण की बातों को वो
मुख से कैसे कह रहे?
कल्याण की बातें सच हो शायद
पर मंशा ठीक नहीं होगा!
हैं दागी पॉखे ठीक से देखो
यह हंसा ठीक नहीं होगा!
दो-करोड़ युवाओ के जो
रोज़गार की बातें करते थे!
देखो उनको बीस हज़ार में
सिटें छाटॉ करते हैं!
स्वदेशी-करन की बाते करके
देश-विदेश वह घूम रहे!
महगे सूट बदन पर डाले
अमरिकी पॉव को चूम रहे!
मदमस्त गर्जना करके जिनको
लव-लेटर बंद कर जाना था!
दबी आवाज़ में देखो उनका
ताल से ताल मिलाना है!
यह किस्सा वही पुराना है!
यह किस्सा वही पुराना है!
उपहार लिये उपहार दिये
और हाथ से हाथ मिलाना था!
छप्पन ईंच का सीना होगा
पर क्या करें,
प्रोटोकॉल तो उन्हें भी निभाना था!
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