सपनो में सपने देखे हैं मैंने
कुछ अनछुए तो कुछ नागिन सी दस्ते हुए
कुछ पतझर के मौसम सी
गुमसुम बेजान उम्मीदों से भरे हुए
तो कुछ पहली बरखा सी
सूख्स्म शीतल संकोच से भरे हुए
सपनो में सपने देखे हैं मैंने I
कभी अचानक टूट जाने का खौफ भी था
तो कभी सुकून भी हुआ की ये महज़ एक सपना ही था
कभी एक अंजान चेहरा दहशत का कारण बना
तो किसी परिचित ने काले परदे पे किलकारियां भी बाँट दी
सपनो में सपने देखे हैं मैंने I
छनभंगूर है ऐसा लोग कहते हैं
बशर्ते कुछ पल के लिए जीवित होने का ढोंग करते हैं
मेरे लिए ये महज़ ख्वाब नहीं
कभी प्रेत बन के सताया भी था
तो कभी प्रेरणा बन कर जगाया भी
कभी खौफ से रूबरू कराया भी
तो कभी प्रेम को करीब से पाया भी
सोच को टटोला तो समझा
मुझमे कुछ हिस्सा इन सपनों का भी था
कहते होंगे लोग की ये छणिक हैं
मेरे लिए मानसिकता का आकस्मिक प्रतिबिंबा है ये सपनें
सपनों में सपनें देखे हैं मैंने I
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