चहिए Poem by Ajay Srivastava

चहिए

दर्द मेरा या आपका हो पर
मरहम तो लगना चहिए
चेहरा किसी का भी हो
एक छोटी सी खुशी ही सही पर
चेहरा तो सब का खिलना चहिए 11

हार किसी की भी हो
आगे बडने और सीख के लिए
दोनो को कारणो का पता तो होना चहिए11

किसी पर आपकी सही बात का असर हो या ना हो
कोशिश करते रहना चहिए ना जाने कोन से पल में
आपकी सही बात का असर हो जाए
क्यों कि सपनो को तो साकार होना होता है 11

COMMENTS OF THE POEM
Geetha Jayakumar 11 July 2013

Well written..... kyon ki sapno ko to saakar hona hee hain. Good write.

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