वो पेहली मुलाकात.... Poem by Mallika

वो पेहली मुलाकात....

वो मुस्कुराहट दिल में समा जाना
वो जोरोसे दिल का धड़कना
वो प्यारिसी अवाज कानोमे गूंजते रहना
वो चुपके से नजरें चुराना
वो रुका हुआ सा पल
वो थमी हुई सी साँस
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काश वो लमहा यूँही थम जाता....!

वो पेहली मुलाकात....
Monday, June 1, 2020
Topic(s) of this poem: love and life
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