मेने बहुँत समझाया अपने आप को
अनुरोध न करु पर करा
थोडी सी मरहम का अहसास करा दू
पर फिर भी न रोक सका 11
अपने भावो को छुपा लू
पर ये बेरहम सामने भी कोई है
इसकी भी समझ नही है इनको
एक आखिर कोशिश की बाहर न निकल पाए
पर असफलता ही हाथ लगी 11
और आंखों से यह आंसू टपक ही पडे
और दिल व दिमाग को कुछ राहत का अहसास हुँआ 11
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