जीवन Poem by Larika Shakyawar

जीवन

जीवन रूपी चमन में
गलतियों की अनुभूति
फव्वारे की तरह है,
जिससे अनुभव के फूलों का
आगमन हर मौसम में होता है,
और इसके सौंदर्य को
निखारता चला जाता है।

Thursday, July 20, 2017
Topic(s) of this poem: life
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Larika Shakyawar

Larika Shakyawar

Rajgarh M.P., India
Close
Error Success