पर्वतारोही Poem by Larika Shakyawar

पर्वतारोही

चलो पर्वत की सैर कर आए
हम में इतना साहस है,
पर्वत की चोटी छू आए
हम में जोश, क्षमता हैं।

हम भी पर्वतारोही बन जाए
हमारे इरादे नेक, बुलंद हैं,
रास्तों की परवाह नही हमें
ऊँचाईयों पर पहुँचना है।

मुसीबतों से डट कर सामना करना आता है हमें,
गिरकर उठना, संभलना आता है हमें।

Thursday, July 20, 2017
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Larika Shakyawar

Larika Shakyawar

Rajgarh M.P., India
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