दया के पात्र Poem by Ajay Srivastava

दया के पात्र

हाँ बदल देगे चुनाव लडने के नियम
यही नारा लगाया उच्चतम न्यायालय
ने और चुनाव आयोग ने
एक नारा नेताओ ने भी लगाया
हाँ बदल देगे देश का सविधान 11

तुम केवल नियम बना सकते हो
हम पालन करा सकते है
तुम आम जन के रखवाले हो
हम तुम्हारे रखवाले है 11

तुम नोकर हम राजा है
तुम दास हो पदोन्नति के
स्थानांतरण के लिए
सर झुकाए रहना तुम्हारा काम है 11

हम देश की जनता के लिए पाँच साल मे एक बार सोचते है 11
कभी - कभी गलती से कुछ कर देते है 11
तुम केवल असहाय - पदोन्नति और स्थानांतरण
से आगे सोच ही नही पाते –
तुम केवल हमारी दया के पात्र हो 11
हम केवल जनता दया के पात्र है 11

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