कास कोई ऐसा होता Poem by Prabhakr Anil

कास कोई ऐसा होता

Rating: 5.0

कास कोई ऐसा होता I
जो हर सांसो में छिपा होता,
जो हर ख्वाबो में बसा होता I
जिसे देख दिल में हलचल सा हो,
जिसकी हर अदा चंचल सा हो I
जिसे देखते ही रह जाऊ मैं,
बस देखते ही रह जाऊ मैं I
कास कोई ऐसा होता I
कास कोई ऐसा होता I

कास कोई ऐसा होता I
जो हर नगमों में महसूस सा हो,
हर यादो में महफूज सा हो I
जिसे देख ये पलके ठहर जाए,
मन उसके लहरो में ही बह जाए I
जिसे सोचता ही रह जाऊ मैं,
बस सोचता ही रह जाऊ मैं I
कास कोई ऐसा होता I
कास कोई ऐसा होता I

कास कोई ऐसा होता I
मेरा हर पल उसके नाम तो हो,
उसकी आहट से पहचान तो हो I
उसकी हर ख्वाइस अपना लेता,
उसको आदत सा बना लेता I
उसके चाहत में मर जाऊ मैं,
बस चाहत में मर जाऊ मैं
कास कोई ऐसा होता I
कास कोई ऐसा होता I

Tuesday, October 17, 2017
Topic(s) of this poem: love
COMMENTS OF THE POEM
Rini Shibu 18 October 2017

Wow Anil.. Beautiful Zhindagi ki koyi modeme koyi aesa milhi jayega, tumhe dewana Bana dega, phir na kahna kyo muje pyar ho Gaya...

3 1 Reply
Ap Nishad 18 October 2017

Thank you Rini Jerry ji...

0 0
Prabhakr Anil

Prabhakr Anil

Kotwan, . Barhaj deoria up
Close
Error Success