ये राज कौन है? Poem by Raj Swami

ये राज कौन है?

Rating: 5.0

दिल को छू कर ये गुजरा है कौन
तुम नहीं पुछोगे तो हाल पुछेगा कौन

चैन सूकून लूट गया एक मुलाकात में
कहाँ से आया तुफान ये जानेगा कौन

बंजर धरती पर प्यार का बीज बो गया
सोच रहा हूँ इस फसल को काटेगा कौन

बात-बात में आ जाता है नाम तुम्हारा
ये दुनियाँ है इस दुनियाँ को संभालेगा कौन

हो गया हूँ घर से बेघर पर सुकून मिला है
तेरी यादों को इस दिल से निकालेगा कौन

तोड़ भी दूँगा सारी सरहदें एक दिन 'राज'
फिर ना कहना मुझे ये "राज "कौन

ये राज कौन है?
Friday, April 20, 2018
Topic(s) of this poem: love,emotions,love and dreams,love and friendship
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
राज स्वामी परलीका
Raj swami parlika
COMMENTS OF THE POEM
Jean Larson 10 May 2018

I got to see the transition of this when you put it on FB. Thank you. This poem is sublimine❣️

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Raj Swami

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Parlika
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