दिल से दिल मिलाया जाए Poem by Raj Swami

दिल से दिल मिलाया जाए

Rating: 2.5

चलिए एकमुद्दा उठाया जाए
बात को बात से मिलाया जाए

मुद्दत से बंद पड़ा है जो मय्खाना
उसनेफिरजाम टकराया जाए

अपनोंको भी दे दो दावत यारो
दुश्मनों को भी गले लगाया जाए

बातें होंगी प्यार और रुसवाई की
चलो दिल से दिल मिलाया जाए

छ्लकेंगे कुछ जाम कुछ आँसु भी
फिर जख्मों पर मरहम लगाया जाए

राज स्वामी

दिल से दिल मिलाया जाए
Tuesday, May 1, 2018
Topic(s) of this poem: love and friendship
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
Gazal
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 01 June 2018

बहुत दिलकश ग़ज़ल. कृपया कुछ स्थान पर एडिट कर लें.

0 0 Reply
Jean Larson 03 May 2018

I am a member and I love your poems, Raj. Thank you.

1 0 Reply
Raj Swami 03 May 2018

Thank you so much

0 0
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Raj Swami

Raj Swami

Parlika
Close
Error Success