बड़ा बेदर्दहै ये जमाना जरा संभाल के.
अंदाज दुश्मन का है अब दोस्ताना जरा संभल के.
यूँ तो मेरे बहुत करीब हो मेरे अपने हो तुम.
मगर बात पैसे कि हो तो भूल जाना जरा संभल के.
वो तुम्हारी है तुम्हें कैसे पता, कैसे पता.
दिल उससे भी लगाना जरा संभल के.
मौत ही सच है, सच है एक दिन आयेगी वो.
ज़िन्दगी का क्या ठिकाना जरा संभल के.
प्यार बाज़ार का सौदा है इस ज़माने में.
मेरे दिल न हो दीवाना जरा संभल के.
उड़ते हुए परिंदों के पर गिन लेता है वो.
करना कोई भी बहाना जरा संभल के.
ऐब ढूढ़ने में है वो बहुत ही माहिर
सामने आईने के मुस्कराना जरा संभल के.
नींद आखों से छीनता दिल पे चलाता खंजर.
है हुस्न ये कातिलाना, कातिलाना जरा संभल के.
वो जो किसी का नहीं तुम्हारा क्योंकर होगा.
अच्छा नहीं उसका आना-जाना जरा संभल के.
प्यार के सफ़र में मंजिलें कभी दूर तो कभी पास आती हैं.
मगरइससे भी क्या घबराना जरा संभल के.
उसने' हाँ ‘उसने' कमाई दौलत और महान हो गया.
बदल गया है अब वो पैमाना जरा संभल के.
इल्म है तहजीब है ईमान पर मरता हूँ मैं.
मगर पैसेवालों को ही उसने पहचाना जरा संभल के.
वो तुम्हे दिल से चाहता है या फिर दिमाग से.
कभी मौका मिले तो आजमाना जरा संभल के.
बात कहता हूँ मैं यों ही नहीं किसी बात पर ‘सुमन'
समझना हो तो समझ जाना जरा संभल के.
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