तुम मेरे दिल में रहते हो
तस्वीरों का फिर क्या करना
जब आँखों में तुम बसते हो
फ़िर नूरे नज़र का क्या करना
तन्हाई में जब मिले सुकूँ
महफ़िल का फिर क्या करना
जब मेरे तुम भगवान् - खुदा
फिर मंदिर - मस्ज़िद क्या करना
जब हांथो मे मेरे हाँथ तेरा
कयामत से फिर क्या डरना
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