जिंदगी
जिंदगी जिंदगी जिंदगी!
आखिर क्या है यह जिंदगी?
एक लंबी सफर और अनजान मंजिल कि यात्रा!
चिन्ताउ कि बारिशोंकि साथ बेगाना उ बेइंतिहा खतरा! !
निकालते हुये साँसों को मुश्किलो कि सामना!
नगण्य सचाई के अभिनय से अधिक से अधिक भाउॅना! !
जिंदगी जिंदगी जिंदगी!
गोद में लेट कर मुस्कुराते हुये बच्चों से पूछो!
आखिर क्या है यह जिंदगी?
जीने कि चाहात सेतड़पता हुवा आत्मा!
भूखो को मिटाने मे रो रो कर माँ को सदमा! !
जिंदगी जिंदगी जिंदगी!
अगली सुबह इम्तिहान का सामना करने वाला छात्रों से पूछो!
आखिर क्या है यह जिंदगी?
पाठ्यक्रम पूरा करने कासिर की पीड़ा!
अध्ययन मे आलस्य का परिणाम अब डिमाग मे किरा! !
जिंदगी जिंदगी जिंदगी!
गरीब और बेरोज़गार स्नातक से पूछो!
आखिर क्या है यह जिंदगी?
ढूंढते हुये नकरि घुमते घुमते सिटी!
अनेक लोगों से बिनती और अनेक सेचिट्ठी! !
जिंदगी जिंदगी जिंदगी!
फ़ुटपाथ मे कम्बल लेकर सोनेवाला भिखारियों पुछौ!
आखिर क्या है यह जिंदगी?
पेट पालने का अपराध मे हजारों तिरस्कार!
असंख्य अपमान, निन्दा और गालीयों का पुरस्कार! !
जिंदगी जिंदगी जिंदगी!
दिन रात सपनो में कविता लिखने वाला आशिकों से पूछो!
आखिर क्या है यह जिंदगी?
महबूबा, वही उसकी ज़िंदगी और सपना!
पुरि संसार सिर्फ बेकार, एक वही उसकी आपना! !
जिंदगी जिंदगी जिंदगी!
आखिर क्या है यह जिंदगी?
एक लंबी सफर और अनजान मंजिल कि यात्रा!
चिन्ताउ कि बारिशोंकि साथ बेगाना उ बेइंतिहा खतरा! !
निकालते हुये साँसों को मुश्किलो कि सामना!
नगण्य सचाई के अभिनय से अधिक से अधिक भाउॅना! !
जिंदगी जिंदगी जिंदगी!
आखिर यही तो है जिंदगी! ! !
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जिंदगी जिंदगी जिंदगी! आखिर क्या है यह जिंदगी? हर व्यक्ति का ज़िंदगी देखने और समझने का नज़रिया अलग होता है- देशकाल व परिस्थिति के अनुसार. यह नज़्म हमें हा प्रकार की संभावनाओं से परिचित कराती है लेकिन निर्णय सबका अपना होगा. हार्दिक धन्यवाद, मित्र.
Thank U sir, I am just small child to feel the Zindegi In front of Great You people....I have started to learn and to feel..I hope i can learn many more from U people