हाय भगवान Poem by Mohit Chahal

हाय भगवान

मान या न मान
ओह! मॆरॆ भगवान
लुट गई तेरी शान, हाय!
हाय भगवान!
इनसानों की गलती पर,
आया है तेरा नाम
बोलते हैं तेरा नाम
हाय भगवान!
हे भगवान!
कर एक एहसान
बना दे अपनी फिरसे शान
वरना हाय भगवान! हाय भगवान!

POET'S NOTES ABOUT THE POEM
In this poem, I am telling to god that The Uttrakhand Tragedy 2013 was named a Natural Disaster which was incorrect.
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Mohit Chahal

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Badshahpur
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