वजूद मेरा... Poem by Ritika Abigail

वजूद मेरा...

वजूद मेरा तुझमे खोकर
कुछ यूँ निखरा है,
हर ग़म की स्याही से
बस इश्क़ ही निथरा है,
खो नहीं सकते
अब तुमको यू पाकर,
ज़िन्दगी रोक ना देना मेरी
दूर मुझसे जाकर ।

#RA

Friday, June 13, 2014
Topic(s) of this poem: hindi
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success