कुछ अजीब सवाल... Poem by Ritika Abigail

कुछ अजीब सवाल...

दर्द-ए-दिल तुम से ही है
पर ये दिल राज़ी होता नही
तकलीफ़ रत्ती भर कि भी
अब ये मानता नही,
कुछ अजीब सवाल है
जिनका जवाब हमें आता नही
जो मर्ज़ है इस रूह का
वो दर्द कभी होता नही,
गऱ मोहब्बत की है तो
दर्द भी लाज़मी सा है,
गर नहीं है जिगऱा तो समझो
जन्नत-ए-मोहब्बत तेरे लिए नही,
इन सवालों के उत्तर
मेरे तो बस में नही
बस तभी से हर ग़म से दोस्ताना
दर्द से हम अब डरते नही ।

#RA
#InevitablePainInLove

Friday, June 13, 2014
Topic(s) of this poem: love hurts
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