अभी ही तो घरों से
क़दम बाहर निकाले है,
दुनिया ज़रा सी देखी नही
बड़े होने का घमण्ड करने लगे,
ज़रा सा धूप में क्या निकले
पूरा बदन जल गया
भूल गये ताउर्म़ पिता का जो पसीना बहा,
घर आकर माँ पर यू झलझलाना
जैसे पूरे जहाँ का वज़न तुम्हारे कन्धो पे है
ज़िन्दगी की दौड़ के शुरूआत में ये हाल है
क्या होगा तुम्हारा, जीने अभी कई साल है
अपनी थकावट दिख गयी
माँ बाप की मेहनत के परे
जितना तुम आज करने से थक गये
वो तो सालों से करते रहे
प्यार है उनका, ऋणीत रहो
उनके क़दमों के अलावा
कोई जन्नत नही ।
#ParentsDeserveLimitlessRespect
#RA
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