बङो बङो को हो गयी धनवानो और अति शिक्षतो को भी हो गयी
क्या बच्चों, क्या युवा, क्या वृद्ध वर्ग सभी को भी हो गयी
इतनी हो गयी की आखँ से सुरमा भी कहने लगा बिना
आज्ञा के चला जा रहा पर हम तो हम है हमने भी
कह दिया इंटरनेट पहले से ही चल रहा है
इसमे शुनय की भी चोरी नही है 11
पर कया करू सरकार दुहाई है नेतिकतता सवाल उठा दिया
पर मन, दिल यह कहता है न यह चोरी, न यह नेतिकतता सवाल
अरे नादान यह सीधी - साधी जलन ईर्ष्या हो गयी है स्वीकार कयो नही कर लेते 11
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