सोचो अगर नाम ना होता,
नाम आपका मेरा खास ना होता,
कितनी बटोरता वाह वाही नाम का खेल
फिर चर्चाओं में
ये मद्दा सरेआम ना होता!
क्या होती पहचान इंसानों की,
व्यक्तित्व किसी का कैसे उजागर होता,
व्यक्तित्व किसी का कैसे मापा जाता!
भीड़ भरी इस दुनिया में
नाक नक्शे हर कोई याद रख पाता?
नाम चलता है जिनका दुनिया में,
सिन्धु कल्पना, लक्ष्मी बाई आम होते?
सोचो अगर नाम ना होता!
सार्थक करता है अपना नाम,
हर वो इंसान गुणवान ना होता?
प्रसिद्ध, प्रेरणा से भरे नाम
सचिन, कलाम, शाहरुख खान सुन,
होंसला किसी का सातों आसमान पर ना होता,
सोचो अगर नाम ना होता!
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