तो माँ की याद आती है Poem by Abhishek Omprakash Mishra

तो माँ की याद आती है

जो देखू आज घर आँगन तो माँ की याद आती है.
जो छूटी गोद मनभावन, तो माँ की याद आती है
कभी वो प्यार से मुझको लिटा कर गुनगुनाती थी
सुनु लोरी कोई पावन, तो माँ की याद आती है.

Saturday, December 13, 2014
Topic(s) of this poem: love and pain
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success