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आसमां पर तैरते हैं
मेरी आँखों से निकलकर,
कई ख्वाब।
जिनमे चुभती है तुम्हारी यादों की ठींस।
बहुत ब्याकुलता है ह्दय में,
बस साहस नही करता
कुछ कह पाने का
इन अधरों से।
मुझे मालूम है
बदनाम कर देगी दुनियां
तुमको और मुझे,
अगर ये भेद खुला,
कि ये आसूं जो मेरी आँखों में
ओर आसमां पे जो ख्वाब है,
वो तुम्हारे है।
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