बार-बार सत्तर साल, देश-बदहाल, कांग्रेस-माला-माल की दुहाई ना दो
जवाब नहीं है तो मत दो साहेब, आंसूओं के साथ-साथ मगर ढिठाई ना दो
राज़ करने का रत्ती-भर अगर हुनर नहीं है साहब
फिर काहे रट लगाते हो कि 2019 में हमें विदाई ना दो
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