वो रातों में रोना, अपनी बात को न कहना,
प्रयास करते करते दिन का बीत जाना,
रातों में खुद को नकारा कहना,
तुझसे न हो पाएगा,
यह बात कह अपने रूठ जाना ।
ऐ जिंदगी कर परेशान, मैं तुझे सुलझा लूंगा ।
नई सुबह नई रह पर चलना,
यूं रोज की तरह मुस्कुराना
लोगो को देख के कहना
इसकी जिंदगी कितनी आसान है
वह दिखावटी हसी देख बोलना
कितना हसमुख है।
ऐ जिंदगी कर परेशान, मैं तुझे सुलझा लूंगा।
अपनी परेशानी का प्रचार नही करना,
दूसरों की तरह सबके सामने शीत नही रहना
बस खुद से लडे जाना,
न अपनी तकलीफ किसी से बताना,
परेशान नही करना,
बार बार यही कहना,
न सुलझे सवालों को सुलझाना
ऐ जिंदगी कर परेशान मैं तुझे सुलझा लूंगा ।।
सुना है मुस्कुराने वाले लोग अंदर से टूटे होते हैं
जनाब वो तकिए में अपनी आवाज तबाए रोते हैं ।
यही करते हैं शायद, क्योंकि परेशान सा रहना
एक बाधित बंध में बंधे रहना,
अपने को हजारों से तुल्य करना,
खूबियां नही खामियां गिनाए रहना,
जेईई परीक्षा, नीट परीक्षा के साथ जिंदगी का परीक्षा,
खुद के सवालों में फसे रहना ये क्या और क्यों चल रहा,
मुझमें कोई कमी तो नहीं,
मुझे वो मिला नही जो चाहता हूं,
क्यों मैं चेहरे पर हसी रखे अपने आप में झूठा बन रहा हूं ।।
ऐ जिंदगी बहुत हुआ रोना,
खामियां देखी बहुत, अब खूबियां बाकी है, , कैसा भी हाल हो, कठिनाइयां लाए जो जिंदगी, मैं कभी टूटूंगा नही ।।
अपने आप से प्यार करना सीख लूंगा,
घरवालों को मानना सीख लूंगा,
चेहरे से ही नही दिल से मुस्कुराना सीख लूंगा,
जितनी भी कोशिश करनी पड़े! ये जिंदगी
तुझसे लड़ना सीख लूंगा,
कितनी उलझने क्यों न हो जिंदगी
अनंत हूं अनंत तक तो सुलझा लूंगा,
कर परेशान जिंदगी मैं तुझे सुलझा लूंगा ।।
By Anant Yadav
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