यह कविता अर्जुन शर्मा के द्वारा लिखी गई है।यह एक कविता नहीं बल्कि साक्षात सही घटना है जिसे हर एक महिला में यह सारे गुण होते हैं।
➡️ ✍️.. स्त्री यदि बहन है तो प्यार का दर्पण है.. स्त्री यदि पत्नी है तो खुद का समर्पण है... स्त्री अगर भाभी है तो भावना का भंडार है.. मामी मौसी बुआ है तो स्नेह का सत्कार है.. स्त्री यदि काकी है* तो कर्तव्य की साधना है.. स्त्री अगर साथी है तो सुख की शतत संभावना है..और अंतिम पंक्ति.. स्त्री यदि 'माँ' है तो साक्षात ' परमात्मा ' है।।।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की अनन्त शुभकामनाएं.. 🤗
🙏 हरि ૐ जी 🌹
By Arjun Sharma
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