Chal Manimahesha Jo Poem by milap singh bharmouri

Chal Manimahesha Jo

चल मणिमेषा जो
के लगगीयां जात्रा हो
चल भारमौरा जो
के लगगीयां जात्रा हो

सुपने मा आई राती माता भरमानी
हत्था मंज लेया ठंडा कुफरी रा पानी
हो कर न तू आनाकानी
के लगगीयां जात्रा हो

नौन मनिमेषा रा नेड़े -नेड़े आया
ऐस बारी इने रा मन भी बनाया
ओ कठी इंये न तू रही जायां
के लगगीयां जात्रा हो

दुखा वाले मुक्के दिन सुखा वाले चलने
मना मा जो चाया ओ सब कुछ मिलने
ओ फुल किस्मत वाले खिलने
के लगगीयां जात्रा हो
चल मणिमेषा जो
के लगगीयां जात्रा हो
चल भारमौरा जो
के लगगीयां जात्रा हो


……milap singh bharmouri

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himachali bhajan by milap singh bharmouri
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