जय हो केले बजीर
जय जय केले बजीर
हर लो भक्तों की पीड
हर लो भक्तों की पीड
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समाज में समानता आ गई है
आज अचानक मैं
अपने नीम हकीम के पास पहुंचा
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वो कहता है
मेरा बच्चा काबिल था
कामयाबी पा गया है
मै कहता हूँ खुशनसीब था
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ओ कुछ गल कर हाँ
कुछ गल कर हाँ
मैं आया तेरे तांए लुधियाने
जुलमो तू गल कर हाँ
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नश्तर चुभोये जाते हो
बाते बनाये जाते हो
रौशनी के बहाने से
मेरा दिल जलाये जाते हो
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ये तेरी नजर भी कमाल करती है
मेरी रुकी सांसों में जान भरती है
कोई तलवार कई न कोई खंजर
फिर भी ये काम तमाम करती है
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Hasrten mar gai jindagi reh gai
Mandiron me bhatkti vandgi reh gai
Husn ki jamane me kadr na hui
Faisonparasti me davi saadgi reh gai
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बापू और नेहरु ने मिलकर
इक प्यारा सपना देखा था
पढ़े लिखों से भरा हुआ
प्यारा भारत अपना देखा था
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दिल तो मेरा तोड़ दिया है
अब क्यों तरस खाते हो
गैर के हो कर के क्यों अब
मुझसे प्यार जताते हो
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ख़ुशी के नाम की कोई शय
मुझे तेरी कसम न मिली
गजल तो झिलमिलाई थी जहन में
पर कलम न मिली
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कितनी संगदिल है मेरी चाहत
दिल को पहुंचाती नही मेरे राहत
हर हंसी से नजर मिलाते हो
देखी है मैंने तेरी भी शराफत
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सुर्ख होंठो से शराब छलक रही है
तेरे होने से रात महक रही है
सोचता हूँ किस तरह व्यान करूं
मेरे होंठों पे जो बात थिरक रही है
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परिचय (प्रथम हिन्दू महा संगीति)
महा संगीति
मतलव धर्म संशोधन
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प्रथम हिन्दू महा संगीति क्यों? : आगे का भाग
मै ब्राह्मण हूँ
पर मेरी बेटी
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नही -नही- यह
गलत सलाह है
हमें किसी ओर ही
राह पे चलना होगा
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कई दिनों से बैठा इन्सान
सपने संजौता रहता है
फर्श पर बिखरे मोतिओं को
उठा - उठा कर पिरौता रहता है
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Kelang Bajeer (Bharmouri Bhajan)
जय हो केले बजीर
जय जय केले बजीर
हर लो भक्तों की पीड
हर लो भक्तों की पीड
बासा कुगति आ तेरा
पासा मुक्ति रा मेरा
कर ना नजरा तोउ दूर
मंगता ' मिलाप' फकीर
हत्थे होठू हा शैल
धोये दुखा री मैल
अंयु रेंहू तेरे करीब
बलदा मेरा जमीर
जय हो केले बजीर
जय जय केले बजीर
हर लो भक्तों की पीड
हर लो भक्तों की पीड
jai ho kele bjeer
jai jai kele bajeer
har lo bhakton ki peer
har lo bhakton ki peer
basa kugti ha tera
pasa mukti ra mera
kar na njra tou door
mangta 'milap' fakeer
haththe hotu ha shail
dhoye dukha ri mail
anyu renhu tere kareeb
balda mera jameer
.....milap singh bharmouri