Counter Man (Hindi) Poem by Malay Roychoudhury

Counter Man (Hindi)

काउंटर मैन
खतना ने मुझे धर्मत्यागी बना दिया
मैंने जांघों को थपथपाया और टार्टर को घुमाया
राजा जाएगा और दुष्टों ने बलात्कार किया
जिस तरह नादिर शाह ने पढ़ा था
मैं तलवार को चूमता हूं और हवा में छलांग लगाता हूं
सरपट दौड़ती हुई घोड़ी पर
मैं गिरती चौकी की ओर बढ़ता हूँ
महानगर जल गया
एक नग्न पुजारी जो शिव के फालूस के साथ है।

Saturday, February 1, 2020
Topic(s) of this poem: protest
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